Sunday, April 5, 2015
Friday, April 3, 2015
Monday, March 16, 2015
Sunday, August 31, 2014
विदेश, विदेश नीति तथा ओकर व्यक्तिगत एवं सामूहिक आवश्यकता
चकौतीवासी हमरा लोकनि अपना अपना स्थिति सँS बहूत आसक्त छी। जाहि सँS किछु नब दिशा में अग्रसर होबक लेल यथास्थिति में मूलभूत परिवर्तन होबक जे खतरा क भय अनुभव होइत छैक, ओ नब दिशा में बढय क लेल बाधक साबित भS सकैत अछि। एहि बाधा के निराकरण करबा के हमरो अनुभव भेल। गामक किसानक परिवार में पोसायल व्यक्ति के लेल चकौती क चौर चांचर सँS आगू बढ़िकS चेकोस्लोवाकिया क राजनयिक गतिविधिक विश्लेषण करबा क लेल अवश्य एहि आसक्ति क त्याग करय परल।
एहि तरहें अनासक्त होइतो मोह्त्याग अत्यंत कठीन छैक। तैं मैथिली भाषा में एही ब्लॉगके माध्यम संS हम विदेश सँ भारत वर्ष के लगाव के अपन व्यक्तिगत अनुभव व्यक्त करय चाहैत छी जाहिसँ चकौती गामवासी तथा अन्य मिथिलावासी में विदेश, विदेश नीति तथा ओकर व्यक्तिगत एवं सामूहिक आवश्यकता सं विशेष रूचि जगैन्ह। जाहि सँ दुनू हाथे लड्डू खाइत रही।
पुरना जमाना में हमरा लोकनि के परिचय अंग्रेज, पश्चिमी एशियन व यूनानी सं भेल जे भारत सS आर्थिक सम्पदा अरजय लेल अयलाह आ युद्ध करैत साम्राज्य स्थापित कैलन्हि। परन्तु अजुका जुग में तS सूचना एवं संचार तकनिकी क आगमन व परिणामस्वरूप सामाजिक मीडिया विस्फोट क संगे दुनिया क सब देश के हरेक बात मनुक्ख क मुट्ठी में सिमटि गेलैक अछि। वसुधैव कुटुम्बकम के अर्थ में हमरा लोकनि ग्लोबली अन्योन्याश्रय भय चुकल छी। आब बाउ बढ़ल कुटमैती क अतिरिक्त जिम्मेदारी तS निमाहबे परत। आ कुटुमैती नीक त लिय ने, " मीन पीन पाठींन पुराना, भरि भरि भार कहारन आना " अरब, ईरान, एमिरात, मध्य एशिया, वेनेज़ुएला व् अफ्रीका स आवश्यक ऊर्जा लिय, अफ्रीका स सोना, ताम्बा, हीरा,मोती व् जवाहरात लीय, अमरीका, जापान, इजराइल, दक्षिण अफ्रीका स अस्त्र शस्त्र लिय। चीन, पाकिस्तान सॅ शांति लिय। दुनिया के अन्य भाग स सेहो किछु नीके भेटत। आ कोन देश एहन छै जतह सॅ आवागमन, व्यापार, संचार, निवेश, विद्या, तकनिकी व विचार विनिमय एवं आपसी सहयोग कैलाक फैदा नहि छैक ? जौं पडोसी सं कुटुमैती में कटुतो अछि तैयो पड़ोसी बदलल त नहि जायत, जेना तेना निमाह परत। आ बौआ विदेश जा क कमाइत छथि त लिय ने पौ बारह।
पुरना जमाना में हमरा लोकनि के परिचय अंग्रेज, पश्चिमी एशियन व यूनानी सं भेल जे भारत सS आर्थिक सम्पदा अरजय लेल अयलाह आ युद्ध करैत साम्राज्य स्थापित कैलन्हि। परन्तु अजुका जुग में तS सूचना एवं संचार तकनिकी क आगमन व परिणामस्वरूप सामाजिक मीडिया विस्फोट क संगे दुनिया क सब देश के हरेक बात मनुक्ख क मुट्ठी में सिमटि गेलैक अछि। वसुधैव कुटुम्बकम के अर्थ में हमरा लोकनि ग्लोबली अन्योन्याश्रय भय चुकल छी। आब बाउ बढ़ल कुटमैती क अतिरिक्त जिम्मेदारी तS निमाहबे परत। आ कुटुमैती नीक त लिय ने, " मीन पीन पाठींन पुराना, भरि भरि भार कहारन आना " अरब, ईरान, एमिरात, मध्य एशिया, वेनेज़ुएला व् अफ्रीका स आवश्यक ऊर्जा लिय, अफ्रीका स सोना, ताम्बा, हीरा,मोती व् जवाहरात लीय, अमरीका, जापान, इजराइल, दक्षिण अफ्रीका स अस्त्र शस्त्र लिय। चीन, पाकिस्तान सॅ शांति लिय। दुनिया के अन्य भाग स सेहो किछु नीके भेटत। आ कोन देश एहन छै जतह सॅ आवागमन, व्यापार, संचार, निवेश, विद्या, तकनिकी व विचार विनिमय एवं आपसी सहयोग कैलाक फैदा नहि छैक ? जौं पडोसी सं कुटुमैती में कटुतो अछि तैयो पड़ोसी बदलल त नहि जायत, जेना तेना निमाह परत। आ बौआ विदेश जा क कमाइत छथि त लिय ने पौ बारह।
अगिला ब्लॉग में खरिआरि क विषय के अन्य पहलू पर चर्चा करब। ताबत एहि चर्चा के आगू बढ़ाबक हेतु विश्व मामला क भारतीय परिषद के वेबसाइट ( http://www.icwa.in/ ) देखू।
Tuesday, July 29, 2014
Mamev sharanam. braja
Sarvaa dharma parityajjya mamev sharanaam braja
The best way to lead a successful life is to follow Lord Krishna's advice.
By surrendering fruits of all our actions to Lord means surrendering all responsibility of the doer to the Lord. There after whatever a person does or omits to do is always at the directions of the almighty. The process thus goes in the right direction and the result is always right and the desired one. I can vouch having experimemented this successfully
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